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चारों कान्हीं / रणवीर सिंह दहिया

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चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या॥
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या॥

कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नहीं नयूं मिलकै क़सम खाई
किसानी संघर्ष की आवाज़ आज पूरे देश मैं पहूंचाई
काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या॥
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या॥

लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आँख आज म्हारी खुलगी
तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी
कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या॥
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या॥

किसान मज़दूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं
म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं
खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या॥
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या॥

किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी
कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी
रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या॥
म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या॥