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चार डैनों वाला पंछी / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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अन्धकार
अपनी चारों आँखें खोलता है
मेरे चार डैनों का
सपना देखने की ख़ातिर
०
चार डैनों वाला पंछी — सुदूर
मैं महसूस करता हूँ
अपने प्यार की हद तलक
किस तरह चार डैनों वाला पंछी
उड़ता जाता है आसमान चीरते हुए
०
चार डैनों वाला पंछी — आता हुआ
इतनी दूर हो तुम
मैं तुम तक आता हूँ
अपने चार डैनों में से
हर एक के साथ
०
चार डैनों वाला पंछी — चार दिशाओं में
मैं चार डैनों वाला पंछी हूँ
दो डैने पहुँचते हैं तुम तक
बाक़ी दो भी
तुम्हीं तक
०
चार डैनों वाला पंछी — आसमान चार हिस्सों में
चार डैनों वाला यह पंछी
कहीं भी ठहरता नहीं
शायद वह उड़ ही नहीं सकता
चार डैनों वाला यह पंछी
जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य