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चाहिए, नहीं चाहिए / चेस्लाव मिलोश / मनोज पटेल

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एक आदमी को प्रेम नहीं करना चाहिए चन्द्रमा से ।
उसके हाथों में वज़न कम नहीं होना चाहिए एक कुल्हाड़ी का ।
सड़ रहे सेबों की बदबू आनी चाहिए उसके बग़ीचे से
और उसे अच्छी संख्या में उगानी चाहिए बिच्छू-बूटियाँ ।

बातें करते समय एक आदमी को नहीं इस्तेमाल करने चाहिए ऐसे शब्द
जो प्रिय हों उसे,
न ही फोड़ के देखना चाहिए एक बीज को कि क्या है उसके भीतर ।

उसे गिराना नहीं चाहिए रोटी का कोई टुकड़ा,
या थूकना नहीं चाहिए आग में
(लिथुआनिया में तो मुझे यही सिखाया गया था) ।

जब वह क़दम रखे संगमरमर की सीढ़ियों पर,
किनारे से चिप्पी उतारने की कोशिश करनी चाहिए
उस जाहिल को अपने जूते से
यह याद दिलाने की ख़ातिर कि हमेशा नहीं रहनी हैं सीढ़ियाँ ।

बर्कले, 1961

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल