चिट्ठिए ले जा सन्देसा मेरे यार दा / नक़्श लायलपुरी
चिट्ठिये दर्द फ़िराक़ वालिये
लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
ओ लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
तेनु वस्ता है, दिल दी पुकार दा
चिट्ठिये दर्द फ़िराक़ वालिये
लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
ओ लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
पल्ले विच अग्गदे अँगारे नहीं लूकदे
हो ओ ओ पल्ले विच अग्गदे अँगारे नहीं लूकदे
इश्क़ ते मुशक छुपाये नहीं छुपदे
फिर भी ये राज़
फिर भी ये राज़ जान जाती है दुनिया
होंठों पे लगा ले चाहे ताले कोई चुपदे
होंठों पे लगा ले चाहे ताले कोई चुपदे
ओ टूटा कतरा ते युग दा ये प्यार दा
चिट्ठिये, चिट्ठिये
चिट्ठिये दर्द फ़िराक़ वालिये
लेजा लेजा संदेसा सोणी यार दा
ओ लेजा लेजा संदेसा सोणी यार दा
आवे ना बिछोड़ा कोई बिछड़े ना यार से
आवे ना बिछोड़ा कोई बिछड़े ना यार से
सुनते है आँसुओ का रिश्ता है प्यार से
आँसुओं से दर्द के शोले नहीं बुझते
हाय ओ रब्बा मौत चंगी लम्बे इन्तज़ार से
हाय ओ रब्बा मौत चंगी लम्बे इन्तज़ार से
दुख देना ना किसीको इन्तज़ार दा
चिट्ठिये दर्द फ़िराक़ वालिये
लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
हो लेजा लेजा सन्देसा सोणी यार दा
चिट्ठिये, चिट्ठिये
चिट्ठिये, ओ चिट्ठिये