भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिड़िया और आदमी-1 / कौशल किशोर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चिड़ियों को मारा गया
इसलिए कि
उनके पंखों के पास था विस्तृत आसमान
नीचे घूमती हुई पृथ्वी
और वे
इन सबको लांघ जाना चाहती थीं

आदमियों को मारा गया
इसलिए कि
वे चिड़ियों की तरह उड़ना चाहते थे उन्मुक्त
हवा की तरह बहना चाहते थे स्वछन्द
जल स्रोतों की तरह अपना तल
स्वयं तलाश रहे थे

चिड़ियों के लिए
मौसम ने आँसू बहाए
आदमियों के लिए
आँसू बहाने वाले
गिरफ़्तार कर लिए गए ।