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चिड़िया की आँख / राजेन्द्र राजन
Kavita Kosh से
शुरू से कहा जाता है
सिर्फ़ चिड़िया की आँख देखो
उसके अलावा कुछ भी नहीं
तभी तुम भेद सकोगे अपना लक्ष्य
सबके सब लक्ष्य भेदना चाहते हैं
इसलिए वे चिड़िया की आँख के सिवा
बाक़ी हर चीज के प्रति
अन्धे होना सीख रहे हैं
इस लक्ष्यवादिता से मुझे डर लगता है
मैं चाहता हूँ
लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ें दिखाई दें ।