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चींटी / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
जितनी छोटी है चींटी
उतनी खोटी है चींटी।
पर्वत पर भी चढ़ जाती,
हाथी से भी लड़ जाती।
चीं-चीं, चीं-चीं-चीं चींटी,
चीज़ें खाती सब मीठी।