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चीन और जापान घूम रये / महेश कटारे सुगम

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चीन और जापान घूम रये
बनकेँ हिन्दुस्तान घूम रये

स्वागत में ताली बजवा रये
करवावे गुणगान घूम रये

खोद पहाड़ निकारें चुहिया
लै कोरी तुकतान घूम रये

मूँग दरत छाती पै दुश्मन
खूब बने बलवान घूम रये

तुम घूमत रऔ परदेसन में
घरै कैउ शमशान घूम रये

कारौ धन तौ कितऊँ घूम रऔ
उनके कितऊँ बयान घूम रये

मनचीतौ चरवे के लानें
हरे-भरे मैदान घूम रये

खुद के खता फोर नईं पा रये
तकुआ लयें जहान घूम रये

जनता खौं मौ दिखा न पा रये
लै कें ऊँची शान घूम रये