भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चुनाव और सरकार / बसंत त्रिपाठी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सड़कें सुधर रही हैं शहर की
कोलतार की परतें बिछ रहीं
पानी दो बखत
बिजली भी बरोबर
और तो और
जन-प्रतिनिधि भी हर हमेशा पड़ते दिखाई

लगता है
चुनाव नज़दीक है
और सरकार
ख़तरे में है।