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चुनें अवाम जिसे उसको रहनुमा कहिये / दरवेश भारती
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चुनें अवाम जिसे उसको रहनुमा कहिये
उसे मुहाफ़िज़े-आलम, उसे खुदा कहिये
जो रेंग-रेंग के मक़सद की सिम्त बढ़ती हो
उसी को मुल्क की इक ख़ास योजना कहिये
बना-बनाया बिगाड़े जो शख़्स आज उसको
न बेशुऊर ही कहिये, न सरफिरा कहिये
शरीफ़ लफ़्ज़ कहाँ है चलन में अब यारो
ज़मानासाज़ को ही आज पारसा कहिये
है नेट पे आज उजागर जो फ़ेसबुक 'दरवेश'
हयाते-हाज़िरा का उसको आइना कहिये