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चुनौती / सी.बी. भारती
Kavita Kosh से
तुमने चुरा लिये
हमारे विकास के रास्ते
शिक्षा पर लगा दिये प्रतिबन्ध
आखर पर आज रख दी है तुमने
हमारी भागीदारी के लिए
योग्यता की शर्त
पर कब तक फेंकोगे तुम
अपना यह मकड़जाल हम पर?
घबराओ नहीं
समय आ रहा है
जब हम भी बढ़ेंगे तुमसे
दौड़ने की शर्त
जीतेंगे बाज़ी
तोड़ेंगे तुम्हारा दर्प
सुनो परिवर्तन की सुगबुगाहट
बदलती हवा का रुख़
पहचानो पहचानो पहचानो!