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चुपके चुपके आज हमने उनको सिजदा कर दिया / उर्मिल सत्यभूषण

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चुपके चुपके आज हमने उनको सिजदा कर दिया
मन ही मन उनके कदम पर माथ अपना धर दिया

होश में हैं दोस्तों, हमको दीवाना मत कहो
अपना अंदाजे़ बयां गर उनको अर्पित कर दिया

आग के रथ के सवारों के इशारे देखकर
दर्दे दिल को दर्दे-दुनिया का मुसाफ़िर कर दिया

गूंजते हैं इन्कलाबी गीत अब आकाश में
सुर विहग के कंठ में अंगार मैंने भर दिया

राह उर्मिल को मिली उनकी मशालें देखकर
इक दिया मैंने जलाकर उस डगर पर धर दिया।