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चुप्पी / भास्कर चौधुरी
Kavita Kosh से
माँ व्यस्त है -
रसोई बना रही है
पिता सामने कमरे में
कपालभाति कर रहे हैं
बिटिया मोबाइल पर किसी की बात पर
दुःख प्रकट कर रही है
उसकी आँखों से आँसू ढुलकने ही वाले हैं
बेटा कम्प्युटर पर चैट कर रहा है
उसने हैडफोन लगाया हुआ है
‘भोलू’ चारों पैरों पर पसरा हुआ है
उसकी आँखें मुंदी हुई हैं पर कान खड़े
यहाँ सब चुप हैं
खामोशी है चारों तरफ!!