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चुराया गया मेरा जीवन / मौहम्मद मूसा / भास्कर चौधरी
Kavita Kosh से
मेरी मृत्यु कोई गीत नहीं
जिसे तुम गाओ
कोई जुलूस नहीं तुम्हारे
चलने के लिए
कोई कमीज़ नहीं जिसे तुम पहनो ।
क्या भूल जाएगी दुनिया
कहाँ से आया हूँ मैं
परवाह नहीं मुझे
चुराया गया है मेरा जीवन
कोई शहर नहीं छोड़ा गया है
जिसे घेर लिया हो
रोते हुए समुद्र ने
मैं सुन सकता हूँ तुम्हें गाते
नाचते हुए सुन सकता हूँ मैं तुम्हें ।
मत याद करो तुम मेरा नाम
लेकिन मेरे बच्चों के नाम याद रखो
जिन्हें तुमने मौत से मिलाया है ।
याद रखो उस ज़मीन को
जिसे तुमने टूटी हुई आत्माओं और
सामूहिक क़ब्रों का
क़ब्रिस्तान बना दिया है ।