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चुलबुली रात (हाइकु) / सुधा गुप्ता
Kavita Kosh से
(चुलबुली रात )
गुल्लक फोड़
चुलबुली रात ने
बिखेरे सिक्के
(फूलों की राखी )
फूलों की राखी
सजा के कलाई में
घूमे वसंत
(दूब के धोखे )
नीला कालीन
चर गए शशक
दूब के धोखे