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चूहा भाई / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
सुबह-सुबह चूहा भाई ने,
संपादक को डांटा।
'चार लेख भेजे थे मैंने,
नहीं एक भी छापा।'
संपादक ने एक पत्रिका,
उसकी तरफ बढ़ाई।
बोला 'इसमें आप छपे हैं,
इसको पढ़ लो भाई।'
मुख्य पृष्ठ पर ज्योंहि उनको,
बिल्ली पड़ी दिखाई।
डर के मारे दौड़ लगाकर,
भागे चूहा भाई।