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चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें / तहज़ीब हाफ़ी
Kavita Kosh से
चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें
दिल पे आँखे रखें तेरी साँसें देखें
सुर्ख़ लबों से सब्ज़ दुआएँ फूटी हैं
पीले फूलों तुम को नीली आँखें देखें
साल होने को आया है वो कब लौटेगा
आओ खेत की सैर को निकलें कूजें देखें
थोडी देर में जंगल हम को आक़ करेगा
बरगद देखें या बरगद की शाख़े देखें
मेरे मालिक आप तो सब कुछ कर सकते हैं
साथ चलें हम और दुनिया की आँखें देखें
हम तेरे होंटो की लर्ज़िश कब भूले हैं
पानी में पत्थर फेंके और लहरें देखें