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चेहरा / कुसुम जैन
Kavita Kosh से
ख़ुशबुओं के पास
ख़ुशबू थी
-चेहरा नहीं था
रंगों के पास
रंग थे
-चेहरा नहीं था
आग के पास
आग थी
-चेहरा नहीं था
प्रेम के पास
प्रेम था
-चेहरा नहीं था
ख़ुशबुओं ने कहा
रंगों ने कहा
आग ने कहा
प्रेम ने कहा
-हमें चेहरा दो
मेरे पास एक चेहरा था
कुछ मेरा था कुछ तुम्हारा था
उन्हें सौंप दिया