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चैन मिलता है गुनगुनाने से / रविकांत अनमोल

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चैन मिलता है गुनगुनाने से
प्यार का कोई गीत गाने से

रौशनी ख़त्म हो नहीं जाती
सिर्फ़ सूरज के डूब जाने से

आज़माओ नहीं महब्बत को
प्यार घटता है आज़माने से

एक नन्ही-सी आस है दिल में
आँख में ख़ाब हैं पुराने से

मेरे दिल को सुकून मिलता है
तेरी आँखों के मुस्कुराने से

इस ज़माने में ख़ुश रहोगे तुम
सिर्फ़ हँसने से मुस्कुराने से

बख़्श दो मुझको प्यार की दौलत
आप अपने भरे ख़ज़ाने से

एक मुद्दत से राह तकता हूँ
आ मुझे मिल किसी बहाने से

और 'अनमोल' कुछ नहीं होता
दिल ही दुखता है दिल दुखाने से