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चोर हवा / मोहम्मद अलवी

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खिड़की खोल के चुपके से बाहर निकली
गली में मुझको देख के
घबराई भागी
मेने दौड़ के उसका दामन थाम लिया
उसकी तलाशी ली
ये अच्छा काम किया
पडी हुई थी उसकी जेब में तुड़ी मुडी
एक नहाये जिस्म की खुशबु भीनी सी