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चौगरदे कै पुलिस सै खड़ी खोल दे किवाड़ प्यारी / मेहर सिंह

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शीश काट काट कै ढेर ला दिया कितना कर्या उजाड़ प्यारी
चौगरदे कै पुलिस सै खड़ी खोल दे किवाड़ प्यारी।टेक

तनै मेरै खाक गैरदी सिर में
मै मर लुंगा ईसै फिकर में
अम्बर में भी जगह नहीं धरती लेंगी बिवाड़ प्यारी
अधम बिचालै लटकुं सूं मारुं खड़ा चिंघाड़ प्यारी।

पापण तृष्णा चितनै हड़ै
मैं भी खो दूं प्राण आड़ै
तेरे दया धर्म का ख्याल कड़ै चालै खड़ा कवाहड़ प्यारी
शहरत तनै शहर बना दिया बियाबान उजाड़ प्यारी।

डुंडी पिटगी जग सारे में
मोह नहीं मित्र प्यारे में
तेरे आले आरे में, मैं भी दंगा नाड़ प्यारी
किस गफलत में सोवै सै टुक तै पलक उघाड़ प्यारी

कदे ना खोट दिल में जाणुं था
सदा दूध और नीर छाणु था
पहलम तैं तनै जाणुं था मेरे जी का होग्या झाड़ प्यारी
मेहर सिंह की बात मान ले सारी मिटज्या राड़ प्यारी