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छठिआ पूजे ला न्योछन / मगही
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मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
छठी-पूजन
छठिआ पूजे ला<ref>पूजने के लिए</ref> ननदी ठाढ़, अँगनमा,<ref>आँगन में</ref> हमरा के भउजो तूँ का देबऽ ना।
छठी पूजइया<ref>पूजा का नाम</ref> ननदो साठ रूपइया, हमरो से ननदो झट ले लहु<ref>ले लो</ref> ना॥1॥
साठ रूपइया भउजी घर दऽ पउतिया,<ref>कटोरे के आकार की बनी ढक्कनदार सीकी की डलिया</ref> लाख रूपइया त दुजइया लेबो ना॥2॥
जब त ननदिया होरिला ले के चललन,<ref>चली</ref> लाख रूपइया झट फेंकि देल ना॥3॥
शब्दार्थ
<references/>