भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

छन्द / राहुल झा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वरिष्ठ कवि प्रमोद त्रिवेदी की कविता पढ़कर!


चिड़ियाँ सौंपेंगी हमें अपनी उड़ान
तितलियाँ थोड़ी चंचलता

शंखपुष्पी थोड़ी रोशनी
पंडूक आकाश सौंपेंगे हमें

और नदी
अपनी कल-कल हँसी...
वृक्ष देंगे अपनी सम्पूर्णता
और बारिश अपनी मधुर आसावरी

धरती हमें वासन्ती छन्द देगी
और हम-
नश्वरता को नकार देंगे!