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छळगारी मौत / नीरज दइया
Kavita Kosh से
दरद सूं छटपटावता
सफाखानै मांय घायल जीसा
म्हैं कैवतो रैयो-
प्लीज पापा, पापा प्लीज....
म्हारी हर बात राखणिया
म्हनै लाड लडावणिया
जीसा, म्हारै सूं व्हाली
कांई थांनै मौत लागी?
म्हैं अजेस नीं पूग्यो हो
थारै अलगाव री पीड़
सैवणवाळी उमर मांय
थे म्हारो नीं
मौत रो मन राख्यो!
जीसा!
छोटां रो सल्लो मन राखणिया
जीसा! म्हारै सूं छोटी बण’र
छळ करगी छळगारी मौत
नींतर थे म्हारो ई मन राखता।