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छह हाइकु / योसा बुसोन / सौरभ राय
Kavita Kosh से
1.
एक बूढ़ा
काटता बाजरा
हँसिये सा झुका हुआ।
2.
नाशपाती के सफ़ेद फूल
चान्द की रौशनी में एक औरत
पढ़ती चिट्ठी ।
3.
एक मोमबत्ती से
दूसरे से रौशनी —
वसन्त की शाम ।
4.
सफ़ेद गुलदाउदी के आगे
हिचकिचाती कैंची
एक क्षण ।
5.
भोर —
जलकौवों से बची मछलियाँ
छिछले पानी में ।
6.
शाम की हवा —
पानी के हिलकोरे
बगुले की टाँगों पर ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सौरभ राय