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छिपकली / नरेश अग्रवाल

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दीवारों के सहारे
खूब रेंगना आता है इसे
और चुपके-चुपके
शिकार करना भी,
नन्हें- नन्हें मच्छरों की
एक छोटी-सी जिन्दगी,
जिसे और छोटा कर देती है यह ।