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छीता पऽ सासरवास मत करय ओ माय / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

छीता पऽ सासरवास मत करय ओ माय
माथा अपनो रामऽ खड़्यो थाड़ो
लायी या पराई घऽ की छीता