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छी आनन्दित / शम्भुनाथ मिश्र

अपन-अपन कर्त्तव्य करी से सोचब आवश्यक भऽ गेल
उचित अपन अधिकार पाबि अछि सब-सबतरि आनन्दित भेल

पहिल वर्गसँ पढ़त मैथिली
तखनहि जगतै भाषा-प्रेम
घरसँ बाहर मैथिलियेमे
तखनहि पूछत कुशलो छेम
अभिभावकमे जागरूकता आबय से आवश्यक भेल

‘अ’ ‘आ’ सीखत मधुर बोलमे
तखन बुझत भाषाकेर मोल
जखन मातृभाषामे पढ़तै
इतिहासक संगहि भूगोल
तखन पकड़तै माटि मैथिली, सोचब से आवश्यक भेल

नेना संगहि माइक भाषामे
बाजी अछि सोचक बात
तखनहि भाषा पसरत-चतरत
कय नहि सकत विरोधी कात
भाषा प्रति जागृति आबय से काज करब आवश्यक भेल

संविधान सम्मत सब भाषामे
नहि छै समतुल्य प्रवाह
भाषा बनल रहय जनभाषा
करय पड़त तकरा निर्वाह
सैह विचारक बात आब जे, जे हम बुझलहुँ से कहि देल