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छुट्टी का दिन / बुद्ध / नहा कर नही लौटा है बुद्ध

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गर्म दाल चावल खाने की प्रबल इच्छा उँगलियों से चलकर होंठों से
होती हुई शरीर के सभी तन्त्रों में फैलती है।

यह उसकी मौत का दिन है।

एक साधारण दिन
जब खिड़की से कहीं बालटी में पानी भरे जाने की आवाज़ आ रही है।
सड़क पर गाड़ियों की तादाद और दिनों से कम है
कि याद आ जाए यह छुट्टी का दिन है।