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छुट्टी का दिन / लाल्टू
Kavita Kosh से
गर्म दाल-चावल खाने की प्रबल इच्छा उँगलियों से चलकर होंठों से होती हुई शरीर के सभी तंत्रों में फैलती है।
यह उसकी मौत का दिन है।
एक साधारण दिन जब खिड़की से कहीं बाल्टी में पानी भरे जाने की आवाज़ आ रही है।
सड़क पर गाड़ियों की तादाद और दिनों से कम है कि याद आ जाए यह छुट्टी का दिन है।