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छुपने का खेल / के० सच्चिदानंदन

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चार बच्चे खेलते हैं छुपने का खेल
एक छुपता है ईंधन की कोठरी में
दूसरा खटिया के नीचे
छत के ऊपर है तीसरा
और चौथा
मृत्यु के पीछे।


अनुवाद : राजेन्द्र धोड़पकर