मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
छोटी-मोटी ब्राह्मण बाबू के अलप बएस छनि
भुइयाँ लोटनि नामी केश है
ब्राह्मण बाबू के अंगना चानन घन गछिया
ताही चढ़ि कोइली घमसान हे
कटबइ चानन गाछ, घेरबइ अंगनमा
छुटि जेतइ कोइली केर बाट हे
सएह सुनि कोइली रोदना पसारल
ब्राह्मण बाबू किए जीव-घात हे
जुनि कानू जुनि खीजू कोइली सुरीलिया
सोने मढ़ायब दुनू ठोर हे
जाही वन जायब कोइली, रून-झुन बाजत
बाजि जायत ब्राह्मण बाबूक नाम हे