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छोटी बातें, बड़ी बातें / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
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छोटी-छोटी
बातें
कई बार बहुत बड़ी हो जाती हैं
और
बड़ी-बड़ी बातें
कई बार
बहुत छोटी
मतलब साफ़ है
जो बोलें
तोल कर बोलें
तल कर नहीं
तला-भुना हुआ
हमेशा ख़राब करता है
सेहत-आचरण और
व्यवहार
तवे की रोटी
और
तंदूर की रोटी का
फ़र्क़ तो
समझ जाओगे !