कितनी
रंगीन महफ़िल थी यार !
शायरी और शबाब का दौर..
मगर इसमें भी
'उस' साले ने
आलू, प्याज
रसोई गैस के बढ़े दाम...घुसेड़ दिए
उफ्फ्फ...
ये छोटे लोग न
कभी बड़ा
सोंच ही नही सकते
कितनी
रंगीन महफ़िल थी यार !
शायरी और शबाब का दौर..
मगर इसमें भी
'उस' साले ने
आलू, प्याज
रसोई गैस के बढ़े दाम...घुसेड़ दिए
उफ्फ्फ...
ये छोटे लोग न
कभी बड़ा
सोंच ही नही सकते