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छोरौ / रामस्वरूप किसान
Kavita Kosh से
छोरौ बम्बई में
मुनीमी करै
छुट्टी आयौ है आज
हिवड़ै हुळस नीं समावै
साथी-संगळियां
अर भायला सूं
बांथमबांथ मिलै
बास बगड़ री
काकी-ताई, भाभियां साम्हीं
मन खोलै
आखै गांव नै
खांधै चक नाचणौं चावै
इबकै लागै जाणै
काम पर ओखौ जासी
लारलै साल ई
टेसण पर
बापू रै खांधै लाग
भोत रोयौ हो
मां घणै दिनां तांईं
उदास रैयी।