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जख्म-सुख / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
जख्म दे कर
यह मत कहने आया करो
कि जख्म दिया मैंने
मेरी नादानी थी
मैंने दिल की हकीकत जान ली
यह तुम्हारी मेहरबानी थी ।