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जख द्यबतों / मदन डुकलाण
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जख द्यबतों का ठौ छन भैजी
वखि त हमारा गाँ छन भैजी
बथों लगांद जख धार म गीत
डाला ख्यलना सरों छन भैजी
खून चमकनो हिमाल्यम जो
हमारा जवानों का नौ छन भैजी
गंगा जमुना जन जख जिकुड़ी
मायादार सुभो छन भैजी
गों छोड़िक चलिगीं जो भी
गंगा जी का जौ छान भैजी
जिकुडीम नासूर बणगीन जो
तुमारा दियां वो घौ छान भैजी
छुवीं छन लगणी जोंका विकासे
पैली बड़ी वो मॉं छान भैजी
देश का छन जो शीश मुकोट
हमरा गढ़ कुमो छन भैजी।