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जन्म-दिन / महेन्द्र भटनागर

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जीवन-पुस्तिका का
एक पृष्ठ और
पूरा हुआ।
एक बरस
और जिया !

शुक्र है
मौत ने नहीं छुआ !
आँधियों के
बीच भी
जलता रहा दिया !