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जन्म / सौमित्र सक्सेना
Kavita Kosh से
मैं उसके बारे में
ज़्यादा नही जानता
उससे मेरा परिचय बस
दृश्य तक सीमित रहा है
वो आती है
मेरे घर के आसमान में उड़ती है
मेरी छत पे बैठके
दाना चुगती है ।
मैं उससे पूछना चाहता हूँ-
एक अंडे को से कर
वो कैसे उत्पन्न करती है जीवन-
मैं उसे
अपनी माँ से मिलवाना चाहता हूँ
क्योंकि
ऐसा की कुछ जादू
मेरी माँ भी जानती है ।