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जब कभी तेरा नाम लेते हैं / सरदार अंजुम
Kavita Kosh से
जब कभी तेरा नाम लेते हैं
दिल से हम इन्तक़ाम लेते हैं
मेरी बर्बादियों के अफ़साने
मेरे यारों का नाम लेते हैं
बस यही एक जुर्म् है अपना
हम मुहब्बत से काम लेते हैं
हर क़दम पर गिरे पर सीखा
कैसे गिरतों को थाम लेते हैं
हम भटक कर जुनूँ की राहों में
अक़्ल से इन्तक़ाम लेते हैं