भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जब नदी मर गई-जब नदी जी उठी / हरिवंशराय बच्चन
Kavita Kosh से
कौन था वह युगल
जो गलती-ठिठुरती यामिनी में
जबकि कैम्ब्रिज
श्रांत,विस्मृत-जड़ित होकर
सो गया था
कैम के पुल पर खड़ा था--
पुरुष का हर अंग
प्रणयांगार की गर्मी लिए
मनुहार-चंचल,
और नारी फ्रीजिडेयर से निकली,
संगमरमर मूर्ति-सी
निश्चेष्ट,
निश्चल.
घड़ी ट्रिनिटी की
अठारह बार बोली,
युगल ने
छत्तीस की मुद्रा बना ली;
और तारों से उतर कुहरा