जब बाज़ार में आया प्यार / राकेश रोहित
बाज़ार बेचता है प्यार,
पल-पल बढ़ते हैं ख़रीदार ।
जिसको जैसी हो दरकार,
वैसी ले जाएँ सरकार !
अगर आपका मन सूना है
तो आपने सही क्षण चुना है
‘एण्ड ऑफ़ सीजन’ का सेल है,
ऑफ़र की है यहाँ भरमार !
बाज़ार बेचता है प्यार
पल-पल बढ़ते हैं ख़रीदार ।
टेडी बीयर या लाल गुलाब
इस प्यार का नहीं जवाब !
बन्द पाकेट में, शाकप्रूफ़ है
देखें कितना सुन्दर रूप है !!
जैसी क़ीमत वैसे रंग,
सदा चलेगा आपके संग ।
चाभी के छल्ले में प्यार,
देख हुआ मैं चकित यार !
बाज़ार बेचता है प्यार
पल-पल बढ़ते हैं ख़रीदार ।
‘बेस्ट बिफ़ोर’ की तारीख़ के साथ
चाकलेट के डब्बे में प्यार,
पोर्सलीन की यह हसीना
आपको अपलक रही निहार ।
सुन्दर 'एस०एम०एस०-बुक' है
आपके दिल का है इज़हार,
अपनी आँखें हमें दीजिए
हम कर आएँगे चार !
जब बाज़ार में आया प्यार
हमने देखे रंग हज़ार !
बाज़ार बेचता है प्यार
पल-पल बढ़ते हैं ख़रीदार ।