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जब भी कोई नाम से बुलाता है मुझे / रमेश तन्हा

 
जब भी कोई नाम से बुलाता है मुझे
अंदर से कोई आन जगाता है मुझे
मैं सोचने लगता हूँ कि मुझ में है वो कौन
हर बार ही जो मुझ से मिलता है मुझे।