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जब भी दिल में उफान आता है / विजय 'अरुण'

जब भी दिल में उफान आता है
मुझ को तेरा ही ध्यान आता है।

आदमी की परख है मुश्किल चीज़
आते आते ही ज्ञान आता है।

डूबा जाता है दिल तो हर इक पल
देखो! कब मेहरबान आता है।

ले के कितने ही टुकड़े सूरज के
रात को आसमान आता है।

जब भी जाता है उस के दर पै 'अरुण'
कुछ नहीं दिल में ठान आता है।