भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जब भी / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

जब भी

भूख से लड़ने

कोई खड़ा हो जाता है

सुन्दर दीखने लगता है।

झपटता बाज,

फन उठाए सांप,

दो पैरों पर खड़ी

कांटों से नन्ही पत्तियां खाती बकरी,

दबे पांव झाड़ियों में चलता चीता,

डाल पर उलटा लटक

फल कुतरता तोता,

या इन सबकी जगह

आदमी होता।