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जब मरते हैं / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / वरयाम सिंह
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जब घोड़े मरते हैं —
वे हाँफने लगते हैं,
जब घास मरती है —
वह सूख जाती है,
जब सूर्य मरते हैं —
वे बुझ जाते हैं,
जब मनुष्य मरते हैं —
वे गीत गाते हैं ।
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह