जब मैं लिखती हूँ / डोरिस कारेवा / अनिल जनविजय
जब मैं लिखती हूँ —
आवारा शब्दों से बचती हूँ
असाध्य ढलान के समीप
सन्नाटे से गुज़रते हुए ।
जब मैं लिखती हूँ —
बाहरी प्रभाव से बचने का अभ्यास करती हूँ
तनावहीन कलाई और कटार के साथ
आख़िरी अन्धेरे के पार ।
जब मैं लिखती हूँ —
हर तरह से निषिद्ध भाषा लिखती हूँ
उपवास ही मेरा अन्तिम उत्सव है,
स्वर्ग की खोज में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Doris Kareva
When I write
When I write
I shepherd unheeding words
on the nigh impossible slope
of the pass of silence.
When I write
I practise mastery of shadows
with cool wrist and rapier
on the verge of final darkness.
When I write
I write an utterly forbidding language;
my ultimate feast is to fast,
the very unearthing of heaven.
Translated from Estonian by Miriam McIlfatrick-Ksenofontov