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जब शहर से वापस आना / रवीन्द्र प्रभात
Kavita Kosh से
कारखानों का विषैला धुआँ
मौत की मशीन
नदियों का प्रदूषित पानी
जिस्म खरोंचती बेशर्म लड़कियाँ
होटलों की रंगीन शाम
और फिल्मों के -
अश्लील शब्द मत लाना
जब शहर से वापस आना .....!!
उन्मादियों के नारे
सायरन वाली गाड़ियों की चीख़
सिसकते फुटपाथ
घटनाओं-दुर्घटनाओं के चित्र
अखबारों के भ्रामक कोलाज़
और दंगे की -
गर्म हवाएँ मत लाना
जब शहर से वापस आना ....!!
मगर-
दादा के दम्मे की दवा
माँ के लिए एक पत्थर की आँख
बच्चों के लिए गुड़ का ढेला
और बहन के लिए
पसीने से तरबितर नवयुवक का रिश्ता
अवश्य लाना
जब शहर से वापस आना .....!!