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जब से देखा तुझे चैन ही खो गया / कैलाश झा 'किंकर'

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जब से देखा तुझे चैन ही खो गया।
हो गया दिल तेरा दिल मेरा हो गया॥

प्रेम की राह में गुम हुआ था यकीं
लौट पाया नहीं आजतक जो गया।

ढूँढ़ती फिर रही थी नज़र आज तक
जुस्तजू में ही दिल जो गया सो गया।

आज शृंगार की ऐसी महफिल सजी
प्रेम का बीज दिल में कोई बो गया।

कृष्ण मेरा नहीं जा रहा था वहाँ
राधिका ने बुलाया तभी तो गया।

ऐसी गंगा बहायी गयी प्रेम की
मैल मन का सदा के लिए धो गया।