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जब हम प्यार में होते हैं / राबर्ट ब्लाई / यादवेन्द्र
Kavita Kosh से
जब हम
प्यार में होते हैं
हमें प्रिय होती है
घास-पात, झाड़-झंखाड़
खलिहान और कोठार....
बिजली के खम्भे
और रोशन रास्ते बेचारे
सूने पड़े रहते हैं
सारी-सारी रात ।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र